दर वावर मिरज़ा की मी व समरकेदसि हिसार बादशाह वाहस्ताना 3 शादमो में ऊोद जाना का जन्म शोर के ठशकर शोर का ढेर ॥ ९१९८ कादशाह का उजदकी से सेन 5९४ ऊड़ना की हू वादशाह का फिर महसद पढ़ाने को | १४४ हिसार से दया जामा। १9४ करना ॥ बरक॑ सुतानो का छिगत सन २९५ से एर चढ़ शाला शऔर शाह गे दससाईऊ के सास पर | परे का हाट ससर कद का सर जाना का तवारीर्व फरिश्तासे ५ वारशाह का प्र शुवा सवा का ईसम | के हाकिस स्वान जिरजा के शाह सकदी के बुछांनि से छिंसारसे की लड़ाई सें मारा जाना |. पहुंचना « शाह ं वारशाह का .. का बादशाह की बहुन जाकर शाह समा | खान ज्ञादा बेगस के बाद सहायता से फ़िर समरकेंद। शाह के पास जेजे देना । के खेला म रद्द शोर बादशाह का उज उजवक पर पासा की चढ़ा और वादशाह उराम से शररताना
Click To Report Content on this page .